रे मूर्ख प्राणी इतना क्यों इठलाता है रे मूर्ख प्राणी इतना क्यों इठलाता है रोते हुए आता है और रोते ही जाता है जब तू आया इस धरती पर, तबसे रू…
Read moreचांद की चांदनी से खूबसूरत है तू दिल को भाए वही ऐसी मूरत है तू सिवाय तेरे मन कहीं लगता नहीं मेरे ख्वाबों में तू और ख्यालों में त…
Read moreजिंदगी अब कुछ उलझी सी लग रही है। मुठ्ठी से रेत की तरह फिसलती सी लग रही है। जब तक मां थी उसके आंचल की छांव में सिमटी हुई थी। …
Read moreये कैसा समय है आया **************** ये कैसा समय है आया चारों तरफ बेबसी का आलम है छाया इतना बेबस कभी न था इंसान किसी घर मातम तो कहीं मायूसी का है स…
Read moreअपने गांव के माटी एइसन छुवते मनवां हरशावे ला पुरखन के धरती बा एइसन उकरा शीश झूकाइला सोचला भर से पहुंच जाइला जैसे माई बोलावेले मनवां त गौवें में लाग…
Read moreमन की मन: स्तिथि खुद ही उलझती सुलझती रहती है जो रख दी बातें सामने अपनों के, मन का बोझ कर हल्का वो स्वछंद फिरा करती है। जो बातें रह गई दबी मन में, मन…
Read moreलिखता हूँ फिर मिटाता हूँ कुछ लिखने की कोशिश करता हूँ मन में अंतर्द्वंदों की सरिता जो बहती है फिर शांत होती उन लहरों की शीतलता देख …
Read moreऐ जिंदगी सुन ले ज़रा तुझे तो मैं देख लूंगा जो तू मुझे हर पल आजमाती है मैं भी किसी से कम नहीं हूं जहां तू है मैं भी वहीं हूं …
Read moreमां तो केवल मां होती है वो वात्सल्य की छांव होती है इस शब्द में सृष्टि का रहस्य समाया है मां अपने बच्चे की धूप में शीतल छाया है …
Read moreमेरी प्यारी भाषा हिंदी शान है मेरी संस्कृति की जो भावों को प्रकट है करती मेरी प्यारी भाषा हिंदी हिंदी ऐसी भाषा है जो …
Read moreअयोध्या की पावन भूमि पर राम प्रभु का जन्म हुआ जो जग के हैं पालन करता उनका ही अपमान हुआ कुछ मुठ्ठी भर लोगों के का…
Read moreअगर शुभ संकल्प लो तुम, लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एकाग्र मन से लग पड़ो, जो स्वप्न देखे अपने लिए अपनी चाल तुम चलते रहो, आगे ही …
Read moreचंद्रयान -२ और चांद की थोड़ी देर बातचीत हुई चंद्रयान ने बताया कि - मैंने पूछा चांद से, उतरने दे मुझे ज़रा छूने दे मुझे पर चा…
Read moreबच्चों से खेल का मैदान, अब कहीं खो सा गया है खेल का मैदान अब सिमट, कर मोबाइल हो गया है एक वो दौर था जब हर एक खेल , के लिए…
Read moreमेरी खामोशियां मिटने लगी हैं जबसे है तू मुझको मिली मुझे जीने की वजह मिल गई है जबसे है तू मुझको मिली पहले था खामोश जैसे हो कोई द…
Read moreस्वप्न में भी सोच नहीं, सकता हूं कि वो मुझसे कभी , दूर चली जायेगी जिसको मुझमें सारी, दुनिया ही दिखती हो कैसे मुझे वो यूं,…
Read more