लिखता हूँ फिर मिटाता हूँ कुछ लिखने की कोशिश करता हूँ मन में अंतर्द्वंदों की सरिता जो बहती है फिर शांत होती उन लहरों की शीतलता देख …
Read moreकिसी गांव में एक संत घूमा करते थे। उनकी सफेद लंबी दाढ़ी थी और हाथ में एक मोटा डंडा। चीथड़ों में लिपटा उसका ढीला—ढीला और झुर्रियों से भरा बुढ़ा…
Read moreभगवान सूर्य परमात्मा नारायण के साक्षात् प्रतीक हैं। श्रीहरि ही सूर्य के रूप में विराजमान हैं; इसलिए वे सूर्यनारायण कहलाते हैं। भगवान सूर्य प…
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