हल्की-हल्की सी आ रही खुशबू
मानों कोई फूल खिला है l
हुई रब की मेहर ऐसी,
मेरे दिल की सुने ऐसा
कोई शख्स मिला है ll
हर किसी से हर कोई दिल की बात,
थोड़े ही कही जाती है।
वो तुम ही तो हो, जो मेरे
दिल की हर बात समझ लेते हो,
इतनी आसान नही है ये जिंदगी
पर संग है तेरा तो ,
यूं ही संभल जाती है ll
@अरुण पाण्डेय
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