🌹☀🌹 ग़जल 🌹☀🌹
ये वादियां ये फिज़ा कह रही है यही
हम ऐसे मिलें फिर न जुदा हों कभी
ये नीले बादल यहां बहते झरने यहां
कह रहें हैं सभी खो जाएं हम यहां
ये वादियां ये फिज़ा कह रही है यही
हम ऐसे मिलें फिर न जुदा हों कभी
ये जो फूल हैं खिले हवा पुरवा चले
दिल ये मेरा कहे आ तू लग जा गले
ये वादियां ये फिज़ा कह रही है यही
हम ऐसे मिलें फिर न जुदा हों कभी
ये ऊंचे पर्वत यहां है खूबसूरत समां
भूल जाएं हम खुद को समां कह रहा
ये वादियां ये फिज़ा कह रही है यही
हम ऐसे मिलें फिर न जुदा हों कभी
ये तेरा हुस्न देख ये फिज़ा खिल गई
मुझे जिंदगी में जैसे हर खुशी मिल गई
मुझे जिंदगी में जैसे हर खुशी मिल गई
ये वादियां ये फिज़ा कह रही है यही
हम ऐसे मिलें फिर न जुदा हों कभी
@अरुण पांडेय
@अरुण पांडेय
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