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Stay healthy using water in the morning (प्रातः पानी प्रयोग कर स्वस्थ रहना)






जो मानव सूर्योदय से पूर्व रात का रखा हुआ 200 मि.ली. से आधा लीटर पानी बासी मुँह पीने का नियम रखता है, वह स्वस्थ रहता है। रात का रखा  हुआ पानी हर रोज सुबह सूर्योदय से पूर्व पीने से कभी कब्जियत नहीं होगी तथा असंख्य रोगों से भी सुरक्षा होगी। पानी भरा हुआ पात्र हमेशा विद्युत के कुचालक (प्लास्टिक, लकड़ी या कम्बल) के ऊपर रखें। किसी गर्म आसन अथवा विद्युत के कुचालक पर बैठकर ही पानी पियें। ताँबे के पात्र में रखा हुआ पानी विशेष लाभदायी होता है। शौच से पहले पानी पियें, शौच करके तुरंत पानी न पियें।
रात्रि का रखा हुआ पानी पीकर घूमना। फिर कमोड पर नहीं, पैर जमाकर बैठ सकें, ऐसे शौचालय में शौच जाना। पहले बायें पैर के बल और फिर दायें पैर के बल हेतु बैठने से छोटी आँत, बड़ी आँत पर हितकारी प्रभाव पड़ता है। पेट की, आँतों की अच्छी सफाई हो जाती है। स्नान, प्राणायाम आदि करना सम्यक् व्यायाम है।
मधुमेह, आँख, नाक, गले की सभी बीमारियों में एक ही प्रयोग से आराम से फायदा होता है और एक  पैसे का खर्च नहीं, दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट) का भय नहीं। क्षयरोग (टी.बी.), दमा, जोड़ों में दर्द, गर्भाशय का कैंसर, अजीर्ण, प्रदर-रोग की तकलीफ, पानी पड़ने की बीमारी, स्वप्नदोष, खट्टी डकारें, मोटापा, हृदयरोग, पेट के रोग, मानसिक दुर्बलता अथवा वात, पित्त और कफ संबंधी कोई भी रोग हो, उस पर पानी प्रयोग अक्सीर इलाज है।
पानी-प्रयोग कैसे करें ? रात को दातुन करके सो गये। ब्रश की अपेक्षा दातुन अच्छी है लेकिन दूध पिया है तो फिर नीम की दातुन न करें, फिर मंजन ही कर लो। रात को मंजन करके सो गये और रात का रखा हुआ आधा से डेढ़ गिलास पानी सुबह बासी मुँह पी लो। पौन घंटे तक कुछ खाओ-पियो मत। और दिन में भी जब कुछ खाओ तो तुरंत पानी मत पियो, डेढ़ दो घंटे के बाद पियो हालाँकि भोजन के बीच में घूँट-घूँट थोड़ा पानी पी सकते हैं। बस, बहुत सारी बीमारियों की जड़ें सदा के लिए उखड़ जायेंगी। सुबह पानी पी के फिर शौच जायें तो पेट एकदम अच्छा साफ होगा।

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