हट गई धारा ३७० की जो
थी ७० सालों से लगी हुई
कट गई बेड़ी जंजीरों की
अब जनता इससे मुक्त हुई
जो निज स्वार्थ से थे सने हुए
वो खुद को पाए अब ठगे हुए
नींद उड़ गई है उनकी अब
जो अपनी रोटी सेका करते थे
जो भ्रटाचार में थे सने हुए
वो कश्मीर की बातें करते थे
लगता था कश्मीर सिर्फ
कुछ लोगों की बपौती थी
विकास कार्य में थी ये बाधा
३७० जो सबसे बड़ी चुनौती थी
दुआ करें सब मिलकर
अब शांति यहां पर बनी रहे
धरती का है स्वर्ग यहां पर
केसर की खुसबू बनी रहे
@अरुण पांडेय
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